Header Ads Widget

Responsive Advertisement

नोएडा के युवक के खाते में ₹1.13 लाख करोड़ – सच्चाई, जांच और पूरी कहानी

नोएडा के युवक के खाते में ₹1.13 लाख करोड़ – सच्चाई, जांच और पूरी कहानी -

ग्रेटर नोएडा के ऊँची डांकाैर गांव के रहने वाले निवासी 20 वर्षीय युवक दीपक ने अपना नाम 3 अगस्त 2025 को पूरे देश में सुर्खियों में लिया। वह अपने मृत मां के कोटक महिंद्रा बैंक खाते की पासबुक अपडेट के लिए गया था, तो मशीन से बैलेंस स्लिप निकलने पर जो राशि छपी, उसने हर को हैरान कर दिया। बैलेंस में ₹1,13,56,00,00,00,000 यानी एक लाख तेरह हज़ार करोड़ रुपये से अधिक दिखाई दे रहा था। यह रकम इतनी ज्यादा थी कि इसे देख कर न केवल दीपक बल्कि बैंक के कर्मचारी भी अवाक रह गए।

अगर भारत और दुनिया के अमीरों की संपत्ति से तुलना की जाए, तो यह संख्या मुकेश अंबानी की मौजूदा संपत्ति से कई गुना ज़्यादा होगी। इतनी राशि से भारत के सालाना रक्षा बजट का ज़्यादातर हिस्सा चुकाया जा सकता है। यह कई छोटे देशों की अर्थव्यवस्था से भी ज़्यादा है। यही वजह है कि यह खबर न्यूज़ चैनलों और सोशल मीडिया पर सुर्खियाँ बनी रही।

दीपक की प्रतिक्रिया जिसने इस मामले को बनाया वायरल

दीपक के अनुसार, शुरुआत में उसे यकीन ही नहीं हुआ कि यह सच हो सकता है। उसने सोचा कि यह कोई मजाक है या फिर किसी ने जानबूझकर ट्रांसफर किया है। लेकिन जब बैंक कर्मचारियों ने भी वही बैलेंस देखा, तो उन्होंने तुरंत शाखा प्रबंधक को सूचित किया और खाते को अस्थायी रूप से रोक दिया। दीपक का कहना था कि वह इस रकम को देखकर घबरा गया और तुरंत बैंक को इसकी जानकारी दी।

बैंक का जवाब: ₹1.13 लाख करोड़ वाले मामले की सच्चाई

कोटक महिंद्रा बैंक ने इस मामले पर आधिकारिक बयान जारी किया। बैंक ने कहा कि यह खबर भ्रामक है और वास्तव में इतनी बड़ी राशि का कोई लेन-देन नहीं हुआ है। बैंक के अनुसार यह संभवतः सिस्टम डिस्प्ले एरर या रिपोर्टिंग मिस्टेक है, जिसके कारण गलत आंकड़ा दिखा। बैंक ने मामले की जांच के लिए अपनी IT टीम को लगा दिया है और इनकम टैक्स विभाग को भी सूचना दी है।

जब दीपक ने बैंक बैलेंस देखा, तो यकीन करना मुश्किल था

बैंकिंग सिस्टम में इस तरह की तकनीकी गड़बड़ियां कई कारणों से हो सकती हैं। कभी-कभी सर्वर में तकनीकी खराबी के कारण डिस्प्ले एरर हो जाता है, जिसमें खाते में गलत बैलेंस दिखने लगता है। डेटा एंट्री के दौरान एक या अधिक शून्य गलत तरीके से दर्ज होने से भी रकम का आकार बढ़ सकता है। हालांकि इतनी बड़ी राशि का गलती से ट्रांसफर होना लगभग असंभव है, इसलिए इसे डिस्प्ले एरर ही माना जा रहा है।

सोशल मीडिया पर तहलका: ₹1.13 लाख करोड़ की खबर ने मचाई हलचल

जैसे ही यह खबर फैली, सोशल मीडिया पर मीम्स और चुटकुलों की बाढ़ आ गई। ट्विटर और इंस्टाग्राम पर #NoidaRichBoy और #113LakhCrore जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे। कुछ लोगों ने मजाक में लिखा, “दीपक अब अंबानी को लोन देगा”, तो किसी ने कहा, “भाई, एक करोड़ उधार दे दे।” बैंकिंग विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के मामलों में खाता धारक को घबराने की बजाय तुरंत बैंक को सूचना देनी चाहिए। साइबर सिक्योरिटी विशेषज्ञों के अनुसार, बैंकिंग सिस्टम में डिस्प्ले एरर असामान्य नहीं है, लेकिन इसे नज़रअंदाज भी नहीं करना चाहिए।

₹1.13 लाख करोड़ मामले में RBI की भूमिका और कानूनीसख्ती

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के नियमों के अनुसार, अगर किसी के खाते में गलती से पैसा आ जाता है, तो खाता धारक को तुरंत बैंक को सूचित करना चाहिए। अगर वह व्यक्ति उस पैसे का इस्तेमाल करता है, तो यह धोखाधड़ी और गैरकानूनी कब्ज़ा माना जाएगा। ऐसे मामलों में बैंक को यह अधिकार है कि वह बिना अनुमति के भी गलती से आई राशि को वापस कर सकता है।  भारत में इस तरह की घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं। 2017 में बिहार के एक किसान के खाते में ₹99 करोड़ आ गए थे, 2020 में ओडिशा की एक महिला के खाते में ₹2 करोड़ गलती से ट्रांसफर हो गए थे, और 2023 में गुजरात के एक व्यक्ति के खाते में ₹1,200 करोड़ दिखाए गए, जो बाद में सिस्टम एरर निकला। इन सभी मामलों में जांच के बाद रकम वापस कर दी गई।






Post a Comment

0 Comments